नई दिल्ली: भारत में Vice President Election 2025 का आयोजन 9 सितंबर 2025 को संसद के दोनों सदनों में किया गया, जिसमें लगभग 781 सांसदों ने भाग लिया। इस चुनाव का महत्व इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा दिया था, जिससे यह चुनाव अनिवार्य हो गया।
TaazaKhabar.net लेकर आया है इस चुनाव की पूरी जानकारी – चुनाव प्रक्रिया, प्रमुख उम्मीदवार, मतदान के मुख्य क्षण और आने वाले परिणाम।
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Vice President Election की प्रक्रिया
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्यों द्वारा होता है। चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से एकल स्थानांतरित मत प्रणाली (Single Transferable Vote) पर आधारित है, जो बहुमत के आधार पर विजेता का निर्धारण करता है।
मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में हुआ और मतगणना शाम 6 बजे शुरू कर दी गई। उम्मीदवारों को नामांकन के लिए कम से कम 20 प्रस्तावक और 20 समर्थक सांसदों के हस्ताक्षर देने होते हैं।
प्रमुख उम्मीदवार
- सी पी राधाकृष्णन: महाराष्ट्र के राज्यपाल, एनडीए के उम्मीदवार।
- बी सदर्शन रेड्डी: पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार।
एनडीए को सांसदों का स्पष्ट बहुमत हासिल होने की संभावना बताई जा रही है।
मतदान और सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव शुरू होते ही मतदान का पहला वोट दिया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास और मजबूती का संदेश गया। मतदान के दौरान संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, और सभी सांसदों को मतदान के लिए पूरी सुविधा दी गई।
उपराष्ट्रपति का संवैधानिक महत्व
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और संसद की कार्यवाही को सुचारु रूप से संचालित करने के साथ-साथ कई संवैधानिक समितियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए यह चुनाव न केवल राजनीतिक बल्कि संवैधानिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
पिछले चुनाव की जानकारी
2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ ने भारी मतों से जीत हासिल की थी। इस बार चुनाव राजनीतिक समीकरणों के कारण और भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
चुनाव का संभावित प्रभाव
नई उपराष्ट्रपति की भूमिका संसद के कामकाज और सरकार की स्थिरता के लिहाज से अहम होगी। TaazaKhabar.net की नजर इस चुनाव के हर अपडेट और परिणाम पर है।
नवीनतम अपडेट: उप-राष्ट्रपति C.P. राधाकृष्णन का शपथ ग्रहण एवं प्रतिक्रियाएं
देश के नए उप-राष्ट्रपति C.P. राधाकृष्णन ने 12 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ ग्रहण की। उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के बड़े अंतर से हराया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राधाकृष्णन को जीत पर बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं प्रकट कीं। कांग्रेस और कई विपक्षी नेताओं ने भी परिणाम स्वीकार करते हुए नई सरकार को शुभकामनाएँ दी।
यह चुनाव भारतीय संसद की राजनीतिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण परिचायक माना जा रहा है, जहाँ एनडीए की मजबूत पकड़ बनी हुई है। मतदान में 14 सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की, जिसने विपक्ष की एकता पर सवाल उठाए हैं।
C.P. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल हैं, जिनका संघ और भाजपा के साथ लंबे समय से जुड़ाव है। विपक्ष द्वारा उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ भी कहा जाता है। राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि उनका अनुभव संसदीय कार्यों में संतुलन तथा लोकतंत्र की मजबूती में सहायक होगा।
राधाकृष्णन ने शपथ लेने के बाद कहा, “यह जीत प्रत्येक भारतीय की जीत है। हमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा।”
अन्य संबंधित जानकारी
- पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के कारण उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 हुआ।
- दलों की चुनावी रणनीति और गठबंधनों की भूमिका।
- नेताओं के मतदान के वक्त के बयान और प्रतिक्रियाएं।
- मतदान के दौरान सांसदों की उपस्थिति और पारदर्शिता।
- चुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक स्थिरता और संसद की कार्यप्रणाली पर असर।
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