भारत के युवा तेज गेंदबाज Anshul Kamboj का टेस्ट डेब्यू जुलाई 2025 में मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर हुआ। इस मैच में उनकी औसत गेंदबाजी रफ्तार 130 किमी/घंटा पाई गई, जो ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर मार्नस लाबुशेन की 132 किमी/घंटा की रफ्तार से भी कम थी। इस असामान्य तुलना ने पूरी क्रिकेट बिरादरी में तेज गेंदबाजी की क्षमता, चयन नीति, फिटनेस और रणनीति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
परिचय : Anshul Kamboj ने घरेलू क्रिकेट तथा आईपीएल में अपनी तेज और सीम्ड गेंदबाजी के कारण भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा बनने का दम दिखाया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू में उनकी धीमी औसत गति ने चयन प्रबंधकों और प्रशंसकों को हैरान कर दिया। मैनचेस्टर के सपाट पिच पर सीम और स्विंग का लाभ कम मिलने के कारण उनकी रफ्तार उम्मीद के अनुरूप नहीं रही, जिससे आलोचनाएं तेज हो गईं।
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Anshul Kamboj का क्रिकेट करियर और टेस्ट डेब्यू
- घरेलू स्तर पर दिल्ली की टीम के लिए लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन।
- आईपीएल में 135+ किमी/घंटा की गति से नियमित गेंदबाजी।
- जुलाई 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में पहला टेस्ट।
- डेब्यू मैच में 18 ओवर, 1 विकेट (बेन डकेट) हासिल।
- औसत गेंदबाजी गति:
- दूसरे दिन: लगभग 130 किमी/घंटा
- तीसरे दिन: 125.34 किमी/घंटा
मार्नस लाबुशेन के साथ तुलना
मार्नस लाबुशेन, जो मुख्य रूप से एक लेग स्पिनर हैं, उन्होंने बॉर्डर–गावस्कर ट्रॉफी में 132 किमी/घंटा की औसत गति से गेंदबाजी की, जो खुद तेज गेंदबाज के औसत से अधिक है।
गेंदबाज | भूमिका | औसत स्पीड (किमी/घंटा) |
---|---|---|
Anshul Kamboj | तेज गेंदबाज | 130 |
मार्नस लाबुशेन | लेग स्पिनर (पार्टी-टाइम मीडियम पेस) | 132 |
यह आंकड़ा दर्शाता है कि कंबोज की रफ्तार उम्मीद से नीचे रही, जिससे गेंदबाजी की भूमिका और प्रभावशीलता पर सवाल उठे।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
- रविचन्द्रन अश्विन:
“आईपीएल में जहां कंबोज 138-139 किमी/घंटा की रफ्तार दिखाते थे, मैनचेस्टर में उनकी धीमी गति आश्चर्यजनक रही। यह पिच की मदद की कमी और फिटनेस के कारण हो सकता है।” - मॉर्न मॉर्केल (पूर्व कोच):
“नेट्स में उनकी रफ्तार अच्छी थी, लेकिन टेस्ट स्तर पर निरंतरता लाना चुनौतीपूर्ण है। हम फिटनेस और तकनीकी सुधार पर काम कर रहे हैं।” - रवि शास्त्री:
“120-125 किमी/घंटा के आस-पास की गति उन्हें ‘मिलिट्री मीडियम’ गेंदबाज बनाती है, पर उनकी सीमा और स्विंग अभी भी महत्वपूर्ण हैं।”
चोट और फिटनेस का प्रभाव
Anshul Kamboj ने जिससे लौटते वक्त shin injury जैसी चोट झेली थी, उससे उनकी ट्रेनिंग और गति प्रभावित हुई है। पूरी तरह से रिकवर न होना उनकी गेंदबाजी रफ्तार में कमी का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। तेज गेंदबाजी में शारीरिक मजबूती और लचीलेपन की जरूरत होती है, जिसकी कमी प्रदर्शन को प्रभावित करती है।
मैनचेस्टर की पिच और मौसम का असर
मैनचेस्टर की पिच अपेक्षाकृत सपाट, नमीहीन और तेज़ थी, जिससे सीम और स्विंग गेंदबाजी को कम सहायता मिली। इस कारण गति पर प्रभाव पड़ा और गेंदबाजी की रणनीति में बदलाव की जरूरत पड़ी।
मानसिक दबाव और टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियाँ
अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट, खासकर डेब्यू मैच, तेज गेंदबाजों के लिए मानसिक और तकनीकी दबाव का विषय होता है। अनजान वातावरण, बड़े दर्शक वर्ग और उच्च प्रतिस्पर्धा से प्रभावित होकर रफ्तार और नियंत्रण दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
आगामी रणनीति और सुधार के सुझाव
- फिटनेस और रिकवरी: नियमित स्पीड ट्रेनिंग, शारीरिक सहनशक्ति बढ़ाना, बायोमैकेनिकल विश्लेषण।
- तकनीकी प्रशिक्षण: स्विंग और सीम के साथ विविधता, यॉर्कर और डिलीवरी वैरिएशन पर ध्यान।
- मानसिक तैयारी: दबाव प्रबंधन के लिए खेल मनोविज्ञान सत्र।
- फॉर्म सुधार: इंडिया A और घरेलू लीग में निरंतरता और अनुभव।
- सेलेक्शन नीति: फिटनेस और तैयारी को सुनिश्चित कर चयन करें।
निष्कर्ष : Anshul Kamboj की डेब्यू टेस्ट में औसत 130 किमी/घंटा की गति ने कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन एक मैच के आधार पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा। उनकी सीम और स्विंग क्षमता की प्रशंसा भी हुई है। यदि वे अपनी फिटनेस बेहतर करेंगे, तकनीकी कौशल निखारेंगे और मानसिक रूप से मजबूत होंगे, तो वे भारतीय तेज गेंदबाजी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।