12 दिसंबर 1950 को बैंगलोर में जन्मे शिवाजी राव गायकवाड़, जिन्हें हम सब प्यार से Rajinikanth के नाम से जानते हैं, आज 74 वर्ष की उम्र में भी भारतीय सिनेमा के अनंत सितारे हैं। संघर्ष से शुरुआत, सुपरस्टार बनी ‘बिल्ला’ और ‘बाशा’ जैसी फिल्मों से, और अब 2025 में आई उनकी नवीनतम ब्लॉकबस्टर ‘कुली’ तक—Rajinikanth का सफर प्रेरणादायक, दिलचस्प और पक्का proof है कि सच्ची लगन और करिश्मा मिलकर किसी को भी लीजेंड बना सकते हैं। इस लेख में हम उनके जीवन के हर पहलू—प्रारंभिक संघर्ष, फिल्मी ऊँचाइयाँ, पुरस्कार, स्टाइल, आध्यात्मिकता, राजनीति, संपत्ति, और भविष्य की योजनाएँ—को विस्तार से जानेंगे।
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संघर्षमय प्रारंभ: रजनीकांत के शुरुआती जीवन में कोई “हीरो वेल्टर” नहीं था। मद्रास फिल्म संस्थान से पहले वे:
- बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर
- कारपेंटर
- कुली
जैसे मुश्किल और कठोर काम करते रहे। उन दिनों उनकी कमाई बेहद कम थी, लेकिन उनके दोस्त राजबहादुर ने बचपन से ही उन्हें एक्टिंग की तरफ प्रेरित किया और मद्रास फिल्म संस्थान में दाखिला दिलाया। संस्थान में उन्होंने पहली बार थिएटर, इम्रोवाइज़ेशन और स्क्रीन एक्टिंग का बेसिक ज्ञान हासिल किया।
पहली भूमिका मिली ‘अप्पू’ (1975) में, जहां वे सपोर्टिंग रोल में नजर आए। इस समय उनका असली नाम, शिवाजी राव गायकवाड़, सबसे कम चर्चा में था, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने जल्द ही सभी का ध्यान खींच लिया।
पहली बड़ी सफलता: ‘बिल्ला’ और ‘डॉन’ का तमिल रीमेक
1978 में आई ‘बिल्ला’, जो अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘डॉन’ का तमिल रीमेक थी, Rajinikanth की पहली सुपरस्टार पहचान बनी।
- Box Office: तमिलनाडु में record gross
- Character: sleek, स्टायलिश गैंगस्टर, punchy dialogues
- Impact: उन्होंने दिखाया कि वे action, drama, और charisma तीनों में माहिर हैं
‘बिल्ला’ के success ने रजनीकांत को केवल South India में नहीं बल्कि पूरे देश में ख्याति दिलाई। इसी सफलता के झंडे तले आगे नए—‘थिल्लू मुथलू’, ‘मुंदरू मुगम’—आये, जिन्होंने उनकी वैरायटी साबित की।
Latter-Day Blockbusters: ‘बाशा’, ‘शिवाजी’ और Beyond
1995 में आई ‘बाशा’ ने रजनीकांत की superstardom को दूसरी ऊँचाई दी:
- Plot: आम आदमी का underworld crime में riveting transformation
- Iconic scene: “Naan oru thadava sonna, nooru thadava sonna madhiri”—पूरी India में quote बनी
- Legacy: बाशा का influence हर South Indian action film में मिलता है
फिर 2007 में आई ‘शिवाजी’, जिसने politics और social justice के मुद्दों को मसालेदार अंदाज में पेश किया। जब हाई-स्टेक political drama में रजनीकांत ने mass audience को जोड़ दिया, तब यह साबित हो गया कि वे केवल action hero नहीं, बल्कि social influence भी हैं।
नई ऊँचाइयाँ: ‘कुली’ (2025) ब्लॉकबस्टर
अगस्त 2025 में रिलीज हुई ‘कुली’, जहां Rajinikanth ने एक सादे ट्रैकर से महाबली तक की मार्मिक जर्नी निभाई:
- Release Date: 13 अगस्त 2025
- Box Office: पहले वीकेंड में ₹75 करोड़ (India-wide record opener)¹
- Critical Reception: 4/5 stars by leading critics—praise for emotional depth और classic Rajini-style action scenes
- Audience Response: multiplex और single-screen दोनों जगह packed houses
इस फिल्म ने यह दिखाया कि 74 साल के बाद भी Rajinikanth का on-screen presence और fan craze उतना ही ज़बरदस्त है, जितना 25 साल पहले था।
पुरस्कार–सम्मान और राष्ट्रीय Icons
Rajinikanth के shelves पर दर्ज हैं:
- पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2016)—भारत सरकार के उच्च नागरिक सम्मान
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2021)—भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान
- तमिलनाडु सरकार के Best Actor awards (10+ बार)
- Filmfare Best Tamil Actor awards समेत 50+ राष्ट्रीय–क्षेत्रीय distinctions
इन पुरस्कारों ने रजनीकांत को सिर्फ South India में नहीं, पूरे Bharat में ‘Cinematic Godfather’ की स्थिति दी।
स्टाइल, Popularity और ‘Thalaiva’ उपाधि
Rajinikanth की हर movie में कुछ signature moments होते हैं:
- Spectacles spin: Spectacles घुमाना
- Cigarette flick: सिगरेट जलाकर छोड़ना
- Walk style: Unique swaggering अंदाज
इन्हीं आंदाजों ने उन्हें मिलियन-strong fan base दिलाया, जिनमें बच्चे से लेकर बूढ़े—सबके लिए वे ‘Thalaiva’ (Leader) और ‘Demi-God’ की तरह पूजे जाते हैं।
सामाजिक योगदान और आध्यात्मिक जीवन
फेम के बावजूद रजनीकांत:
- Yoga और ध्यान: रोजाना अभ्यास
- Charity: दिव्यांग बच्चों, गरीबों के लिए funds और shelters प्रदान
- Humility: Media से दूर, simple living
वे मानते हैं कि ‘Fame is fleeting, service is permanent,’ और इसी mantra पर चलते हुए उन्होंने कई सामाजिक पहल शुरू की हैं।
Rajinikanth : शॉर्ट–लाइव्ड venture
1996 में उन्होंने जनता पार्टी का समर्थन किया, लेकिन active politics की fast-paced दुनिया में उनका health concerns भारी पड़े। 2020 में उन्होंने अपनी political party बनाने की घोषणा की, पर health issues के चलते इसे आगे बढ़ाया नहीं जा सका।
Net Worth और जीवनशैली
Celebrity wealth trackers के अनुसार उनकी Net Worth ~₹430 करोड़ है²। फैन्स के सामने वे एक आलीशान चेन्नई बंगले में रहते हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से वे extreme privacy पसंद करते हैं—family-only gatherings और minimal media interaction उनका नियम है।
Legacy और भविष्य की राह
50+ वर्ष के करियर में रजनीकांत ने दिखाया कि:
- Versatility: Character roles से लेकर mass action तक
- Consistency: हर दशक में हिट फिल्में
- Inspiration: संघर्ष से सफलता तक का journey हर aspiring actor के लिए प्रेरणा
आने वाले वर्षों में—even at 75+—उनकी cameo appearances और special roles देखते रहेंगे, क्योंकि रजनीकांत केवल एक actor नहीं, बल्कि Indian cinema का अद्वितीय cultural icon हैं।
रजनीकांत का सफर गरीबी से उठकर global superstardom तक, संघर्ष से service तक, एक मिसाल है। उनकी नवीनतम ‘कुली’ ने फिर साबित किया कि age is just a number और true talent कभी fade नहीं होता। सोशल–आध्यात्मिक मूल्यों और philanthropic vision से लैस यह आइकन आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा ‘Thalaiva’ की मिसाल बना रहेगा।