Cryptocurrency Regulations in India: What You Should Know

Cryptocurrency Regulations in India 2025 Guide

भारत में cryptocurrency regulations 2025 में और भी पेचीदा हो गई हैं। Virtual Digital Assets (VDAs) की पहचान, 30% flat tax, 1% TDS, और multi-agency oversight के साथ crypto users और businesses को up-to-date रहना जरूरी है। Related Articles: Key Takeaways Current Legal Status of Cryptocurrency Regulations Allowed Activities Prohibited Activities Cryptocurrencies को Income Tax Act के तहत VDAs के रूप में classify किया गया है। Tax Implications 30% Flat Tax on Gains Crypto gains पर 30% flat tax + 4% health & education cess लागू होता है। Applicable Cases 1% TDS on Transactions ₹50,000+ के transactions पर 1% TDS auto-deduct होता है। Business entities को threshold ₹10,000 पर भी TDS काटना होता है। Transaction Type Tax Impact TDS Required Crypto Buy 1% TDS on amount Yes (>₹50k) Crypto Sell 30% on gains Yes (>₹50k) Crypto-to-Crypto 30% on gains Yes (>₹50k) Holding Tax-free No Staking Rewards Tax + 30% if sold Yes Regulatory Framework Reserve Bank of India (RBI) Securities and Exchange Board of India (SEBI) Financial Intelligence Unit (FIU-IND) – Cryptocurrency Regulations Digital Rupee (CBDC) RBI का Digital Rupee pilot में है: Key Features Recent Developments (Sept 2025) Compliance for Crypto Businesses FIU-IND Registration Steps Cybersecurity Compliance Enhanced KYC/AML Future Outlook Complete ban unlikely है, लेकिन stricter oversight जारी रहेगा। Partial oversight, higher compliance costs, और CBDC expansion मुख्य trends होंगे। भारत में cryptocurrency regulations अभी लगातार बदलाव की प्रक्रिया में हैं। सरकार और RBI दोनों इसका ढांचा मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं ताकि investors को सुरक्षित माहौल मिले और innovation भी बढ़े। आने वाले समय में ये स्पष्ट हो जाएगा कि India में digital assets और cryptocurrency regulations किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। FAQs -Cryptocurrency Regulations Q1: Is crypto completely legal in India?हाँ, trading और holding legal हैं, payments के लिए नहीं। Q2: Crypto gains पर कितना tax लगेगा?30% flat tax + 1% TDS applicable। Q3: Exchanges को license चाहिए?FIU-IND registration और cybersecurity audits mandatory हैं। Q4: Digital Rupee क्या है?RBI का CBDC, retail और wholesale दो variants में। Q5: Future में ban हो सकता है?Complete ban unlikely, लेकिन stricter oversight जारी रहेगा। Personal Finance सीखें: Beginners के लिए Practical Money Tips

Ashneer Grover: Rise and Fall शो में नए विवाद और सफलता

Ashneer Grover Rise and Fall: विवाद और ड्रामा

Ashneer Grover, जो Shark Tank India के लिए जाने जाते हैं, अब Amazon MX Player और Sony TV पर चल रहे रियलिटी शो Rise and Fall के होस्ट हैं। शो ने दर्शकों का खासा ध्यान खींचा है और बिग बॉस 19 को OTT रेटिंग में पछाड़ दिया है। Related Articles: Salman Khan विवाद Grover ने कहा कि रियलिटी शो पर फोकस contestants पर होना चाहिए न कि weekend superstar पर। उन्होंने Salman Khan की होस्टिंग स्टाइल पर टिप्‍पणी कर कहा कि कंटेस्टेंट्स 24/7 मेहनत करते हैं, जबकि सुपरस्टार केवल सप्ताहांत में आते हैं। विवाद और आलोचना Grover ने Bigg Boss 18 में Salman Khan के साथ हुई टकराव की बात की और बताया कि उस विवाद को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी के क्लोन नहीं हैं और अपना अलग अंदाज लेकर आए हैं। शो की लोकप्रियता Rise and Fall के episodes OTT प्लेटफार्म पर खूब देखे जा रहे हैं। शो की खासियत है दो ग्रुप — Rulers (पेंटहाउस में) और Workers (बेसमेंट में), जो एक दूसरे से मुकाबला करते हैं। कानूनी और वित्तीय चुनौतियां Grover ने BharatPe विवाद के बाद कई कानूनी लड़ाइयां झेलीं, लेकिन कहा कि वे अब clean slate हैं। उनकी नई कंपनीZeroPe ने सफलता की राह पकड़ ली है और ₹50 करोड़ फंडिंग जुटाई है। आगे की राह Ashneer Grover की यह नई यात्रा विवादों और चुनौतियों से भरी हुई है, लेकिन Rise and Fall ने उन्हें एक नई पहचान दी है। बिग बॉस के मुकाबले शो की टीआरपी बढ़ना उनके प्रभाव को दर्शाता है। भविष्य में Grover की राह और शो की सफलता क्या होगी, यह आगे देखना होगा। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) Q1: Ashneer Grover ने Salman Khan पर क्या कहा?A1: उन्होंने कहा कि रियलिटी शो में contestants पर फोकस होना चाहिए, सुपरस्टार्स पर नहीं। Q2: Rise and Fall शो कहां देख सकते हैं?A2: Amazon MX Player और Sony TV पर। Q3: Grover का BharatPe विवाद क्या था?A3: कंपनी धन के दुरुपयोग के आरोप लगे थे, लेकिन वे अब clean slate हैं। Q4: ZeroPe ने कितनी फंडिंग जुटाई?A4: ZeroPe ने ₹50 करोड़ की फंडिंग जुटाई है। Rise and Fall vs Bigg Boss: TRP का असली बादशाह कौन?

Flipkart Big Billion Days 2025 अर्ली बर्ड डील्स लाइव: कीमतें अब तक की सबसे कम

Flipkart Big Billion Days 2025Early Bird Deal

Flipkart का सबसे बड़ा सेल इवेंट Flipkart Big Billion Days 2025 इस बार और भी खास है, क्योंकि इसकी Early Bird Deals 8 सितंबर 2025 से लाइव हो चुकी हैं। मुख्य सेल 23 सितंबर से शुरू होगी, लेकिन फ्लिपकार्ट प्लस और ब्लैक मेंबर्स को 22 सितंबर की मध्यरात्रि से 24 घंटे का अर्ली एक्सेस मिलता है। Related Articles: Flipkart Big Billion Days – प्रमुख हाइलाइट्स Big Billion Days SaleFlipkart का Big Billion Days सेल 2025 भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन शॉपिंग फेस्टिवल है। हर वर्ष यह इवेंट लेटेस्ट गैजेट्स, फैशन, होम अप्लायंसेज और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स पर बेमिसाल डिस्काउंट पेश करता है। 8 सितंबर से शुरू हो रही अर्ली बर्ड डील्स से आपको मुख्य सेल से पहले सबसे अच्छी छूट मिल जाएगी। चलिए, विस्तार से जानते हैं किन-किन कैटेगरीज में कितनी बचत होने वाली है। Early Bird Deals: कब और कैसे पाएं? तिथियाँ और एक्सेस Sale Pass व नोटिफिकेशन स्मार्टफोन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स पर जबरदस्त छूट प्रमुख स्मार्टफोन ऑफर्स लैपटॉप एवं गैजेट्स फैशन एवं लाइफस्टाइल पर आकर्षक ऑफर्स कपड़े एवं एक्सेसरीज़ एक्सचेंज ऑफर्स होम अप्लायंसेज व किचन उत्पाद बड़े उपकरण छोटे उपकरण और किचनवेयर बैंक व पेमेंट बेनिफिट्स फ्लैश सेल व “Crazy Deals” बचत बढ़ाने के टिप्स निष्कर्षFlipkart Big Billion Days 2025 की Early Bird Deals से आपको 8 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक हर दिन बचत के नए मौके मिलेंगे। स्मार्टफोन, लैपटॉप, फैशन, होम अप्लायंसेज एवं किचन प्रोडक्ट्स पर भारी छूट पाने के लिए अभी से तैयारी करें। अब Flipkart ऐप खोलें, नोटिफिकेशन ऑन करें, Sale Pass खरीदें, और Early Bird Deals का पूरा लाभ उठाएं—क्योंकि कीमतें अब क्रैश हो चुकी हैं। अभी Flipkart ऐप खोलें, नोटिफिकेशन ऑन करें, और Early Bird Deals का लाभ उठाएं—क्योंकि कीमतें पहले ही क्रैश हो चुकी हैं।

India Proposes Retaliatory Tariffs: अमेरिका के सामान पर भारत का जवाब, Trade Tensions बढ़े

India Proposes Retaliatory Tariffs

India Proposes Retaliatory Tariffs: India और United States के बीच व्यापारिक तनाव (trade tensions) एक बार फिर बढ़ गए हैं। भारत ने अमेरिकी स्टील और एल्यूमिनियम पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में अमेरिका से आयातित कुछ उत्पादों पर retaliatory tariffs लगाने का प्रस्ताव WTO को दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते (trade deal) की बातचीत चल रही थी। इस फैसले से दोनों देशों के आर्थिक और राजनीतिक रिश्तों पर असर पड़ने की संभावना है। India Proposes Retaliatory Tariffs विवाद की शुरुआत और मुख्य घटनाक्रम 2018 में अमेरिका ने national security का हवाला देते हुए स्टील (steel) पर 25% और एल्यूमिनियम (aluminium) पर 10% टैरिफ लगाया था। इस कदम का सबसे बड़ा प्रभाव भारत जैसे देशों पर पड़ा, जो विश्व के प्रमुख स्टील उत्पादकों में शामिल हैं।2025 के मार्च में अमेरिकी प्रशासन ने इन टैरिफ्स को और बढ़ाने का फैसला किया, जिससे भारत के निर्यातकों को भारी नुकसान हुआ। भारत ने 2019 में भी अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाए थे, लेकिन 2023 में दोनों देशों ने कई WTO विवाद सुलझा लिए थे। Latest Update: भारत का नया प्रस्ताव 12 मई 2025 को भारत ने WTO को नोटिफाई किया कि वह अमेरिका से आयातित चुनिंदा उत्पादों पर retaliatory tariffs लगाने जा रहा है।भारत का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ्स से भारतीय निर्यातकों को लगभग 1.91 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है, जो करीब 7.6 बिलियन डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर डालता है।यदि अमेरिका और भारत के बीच जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो ये जवाबी टैरिफ जून 2025 में लागू हो सकते हैं। Official Statements and Reactions भारत सरकार:WTO में भारत ने कहा कि अमेरिका ने बिना उचित परामर्श के टैरिफ लगाए हैं, जो WTO के नियमों का उल्लंघन है। Experts’ Opinion:अजय श्रीवास्तव, Global Trade Research Initiative के संस्थापक, ने कहा, “यह कदम भारत की आर्थिक मजबूती और ‘Make in India’ अभियान के लिए जरूरी है।” US Side:अमेरिका का कहना है कि ये टैरिफ national security के तहत लगाए गए हैं और WTO के safeguard नियमों के अंतर्गत आते हैं। अमेरिकी प्रशासन ने भारत को ‘tariff abuser’ भी बताया है। Public and Expert Reaction सोशल मीडिया पर #IndiaUSTrade, #RetaliatoryTariffs, #SteelDispute जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।भारतीय उद्योग समूहों ने सरकार के कदम का समर्थन किया है और इसे देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है।वहीं, अमेरिकी व्यापारिक संगठन इस फैसले से चिंतित हैं और इसका कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव होने की आशंका जताई है। Impact and Potential Consequences Key Data and Timeline Year Event/Policy Economic Impact (USD) 2018 US imposed tariffs on steel/aluminium Indian exports affected 2019 India imposed retaliatory tariffs $240 million trade affected 2023 WTO disputes resolved Tariffs reduced March 2025 US increased tariffs $1.91 billion duties May 2025 India proposed retaliatory tariffs $7.6 billion trade impacted Conclusion and What to Expect Next India द्वारा प्रस्तावित retaliatory tariffs से दोनों देशों के बीच trade tensions बढ़ सकते हैं। यदि US और India जल्द समझौते पर नहीं पहुंचते, तो जून 2025 से नए tariffs लागू हो सकते हैं, जो दोनों देशों के व्यापार को प्रभावित करेंगे। आने वाले महीनों में WTO में चल रही वार्ताओं और दोनों देशों की बातचीत पर सबकी नजरें रहेंगी। यह विवाद न केवल India-US के लिए, बल्कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। Read more

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