Vijay Rupani : गुजरात का वो ‘मौन योद्धा’ जिसने सादगी से लिखी सियासत की नई परिभाषा
चाय की चुस्की लेते हुए, बिना किसी हंगामे के काम करने वाला एक चेहरा… जी हाँ, हम बात कर रहे हैं Vijay Rupani की। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता, जिन्होंने राजनीति में “कम बोलो, ज़्यादा करो” के मंत्र को सच कर दिखाया। उनकी कहानी सुपरस्टार नेताओं के इस दौर में एक ताज़ा हवा का झोंका है! (The Silent Warrior of Gujarat Politics Who Redefined Leadership with Humility) शुरुआत: एक ‘कर्यकर्ता’ की असाधारण यात्रा Vijay Rupani जी का सफ़र किसी बॉलीवुड स्क्रिप्ट से कम नहीं। “वो नेता नहीं, एक संस्था हैं। गुजरात की जनता उन्हें ‘भाई’ कहकर बुलाती है!”— एक स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्रित्व: जब संकट में जगी ‘रूपाणी शैली’ 2016 में जब आनंदीबेन पटेल का इस्तीफ़ा हुआ, तब किसी ने नहीं सोचा था कि ये सौम्य चेहरा गुजरात को नई दिशा देगा: लेकिन सबसे यादगार रही उनकी सादगी: 2021 का ऐलान: इस्तीफ़ा देकर चौंकाया क्यों? अचानक CM पद छोड़ने का फैसला आज भी राजनीति का रहस्य है। पर इंसाइडर्स की मानें तो: विरासत: ‘Vijay Rupani Model’ की क्यों होती है चर्चा? आज भी जब गुजरात के नेता नीतियों पर बहस करते हैं, तो रूपाणी जी के ये कदम याद आते हैं: Continue Reading … व्यक्तित्व: सियासत के सहरा में एक ‘शांत ओएसिस’ उनकी छवि आज के नेताओं से अलग है: नेट वर्थ (2017 गुजरात चुनाव शपथपत्र के अनुसार) विवरण मूल्य (लगभग) चल संपत्ति(नकदी, बैंक जमा, वाहन, जेवर) ₹1.2 करोड़ अचल संपत्ति(राजकोट में 3 आवासीय प्लॉट) ₹8.3 करोड़ व्यक्तिगत कुल संपत्ति ₹9.5 करोड़ पत्नी (अंजलि रूपाणी) ₹1.1 करोड़ परिवार की कुल संपत्ति ₹10.6 करोड़ नोट: कोई व्यावसायिक हिस्सेदारी नहीं। आय के मुख्य स्रोत: वेतन, किराया, कृषि। परिवार विवरण पत्नी: अंजलि रूपाणी बेटा: रजत रूपाणी बहू: पूजा रूपाणी भाई-बहन जीवनशैली व संपत्ति Vijay Rupani सादगी के मुख्य प्रमाण ये विवरण इतने विश्वसनीय क्यों? सीख: राजनीति में विश्वास जीतना हो तो रूपाणी जी का रास्ता अपनाइए – “कम बोलो, कर्म करो, सादगी से जियो!” आख़िरी बात: रूपाणी जी ने साबित किया कि “विनम्रता” और “कर्मठता” आज भी भारतीय राजनीति में जगह बना सकते हैं। वो ना तो ट्विटर ट्रेंड होते थे, ना विवादों के हीरो… पर गुजरात की सड़कों पर उनका सम्मान आज भी एक मिसाल है। शायद यही है असली ‘गुजरात मॉडल’ का दूसरा नाम! क्या आपको लगता है Vijay Rupani जैसे ‘क्वायट लीडर्स’ भारत की राजनीति में वापसी करेंगे? कमेंट में बताएँ!