BSNL बनी फिर से फायदेमंद कंपनी? जानें क्या है सरकार की रणनीति
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल (BSNL) एक ऐतिहासिक नाम है। एक समय जब देशभर में टेलीकॉम सेवाएं बीएसएनएल के हाथों में थीं, तब यह कंपनी सबसे भरोसेमंद और व्यापक नेटवर्क प्रदान करती थी। लेकिन निजी कंपनियों के तेजी से विस्तार और तकनीकी उन्नति के बीच कड़ी चुनौती मिली और वह घाटे में जा पहुंची। पर क्या आज BSNL फिर से फायदेमंद कंपनी बनने की ओर बढ़ रही है? इस लेख में जानेंगे मोदी सरकार की वह रणनीतियां जिन्होंने BSNL को न सिर्फ घाटे से बाहर निकाला, बल्कि भविष्य के लिए उम्मीद जगाई। BSNL की पिछली चुनौतियां और घाटा सालों तक आर्थिक दबाव रहा। 4G Network में देरी, कर्ज का बढ़ना, कर्मचारी खर्च का बोझ, और नए प्रतियोगियों जैसे जियो, एयरटेल ने BSNL की बाजार हिस्सेदारी घटाई। 2010 से 2020 के बीच लगातार भारी घाटे में रही, जिसकी वजह से कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर होती चली गई। मोदी सरकार के सुधारात्मक कदम मोदी सरकार ने 2014 के बाद BSNL को फिर से मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए। उन्होंने एक रणनीतिक सरकारी संसाधन के रूप में देखा और इसे आधुनिक तकनीकों के साथ पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया। रिवाइवल पैकेज और आर्थिक सहायता सरकार ने BSNL के लिए दो बड़े आर्थिक पैकेज जारी किए: इन पैकेज का उद्देश्य BSNL के कर्ज कम करना, 4G नेटवर्क स्थापित करना, और कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लागू करना था। कंपनी का नाम वित्तीय वर्ष 2025 (Q4 FY25) शुद्ध लाभ (₹ करोड़ में) वार्षिक शुद्ध लाभ (₹ करोड़ में) मुख्य कारण BSNL ₹280 (Q4 FY25) वार्षिक घाटा लगभग ₹1,500–₹2,000 4G नेटवर्क विस्तार, नए प्लान्स, सरकारी सहायता Jio (Reliance) ₹7,022 (Q4 FY25) ₹26,120 4G/5G सेवाओं में वृद्धि, ARPU में सुधार, सब्सक्राइबर वृद्धि Airtel ₹11,022 (Q4 FY25) ₹33,556 टैरिफ वृद्धि, 4G/5G नेटवर्क विस्तार, अफ्रीका में वृद्धि VRS योजना से बोझ कम हुआ लगभग 80,000 भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल कर्मचारी VRS के तहत सेवानिवृत्त हुए, जिससे वेतन खर्च और प्रशासनिक बोझ कम हुआ। तकनीकी उन्नति: 4G और 5G की ओर कदम मोदी सरकार की योजना का बड़ा हिस्सा 4G और 5G नेटवर्क में अपग्रेड करना था। इसके तहत घरेलू कंपनियों के साथ साझेदारी कर 4G नेटवर्क तेजी से लॉन्च किया। वित्तीय स्थिति में सुधार वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल का घाटा कम होकर लगभग ₹2,000 करोड़ रह गया है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले काफी बेहतर है। कुछ सर्कल में ऑपरेशनल प्रॉफिट भी कमा रही है। BSNL की रणनीति में बदलाव भविष्य की संभावनाएं अब मुनाफे की ओर बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में यह और भी मजबूत होगी। सरकार की योजनाओं से कंपनी को टेक्नोलॉजी और वित्तीय दोनों स्तर पर फायदा होगा। निष्कर्ष भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल की कहानी घाटे से मुनाफे की ओर एक प्रेरणादायक बदलाव की कहानी है। मोदी सरकार की रणनीतिक पहल और आर्थिक पैकेजों ने एक बार फिर से फायदेमंद कंपनी बनने की दिशा में बढ़ाया है। तकनीकी उन्नति, कर्मचारियों की संख्या में कटौती और वित्तीय सुधार इस पुनर्जागरण के मुख्य स्तंभ हैं। आने वाले समय में BSNL भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक मजबूत और भरोसेमंद नाम साबित हो सकती है। Continue Reading…